
मंत्रो का प्रयोग प्राचीन काल से चला आ रहा है | मंत्रो में स्वयम देवता वास करते है और यही कारण है कि सच्चे मन से मंत्रो का जाप करने वाले साधको कि न केवल सभी कामनाये पूर्ण होती है, बल्कि अंत में उन हरी के चरणों में स्वर्ग कि प्राप्ति होती है | मंत्रो के द्वारा हम किसी भी प्रकार कि शक्ति को अपने वश में कर सकते है | परन्तु फलो और सिद्धियो कि भरपूर मात्रा में प्राप्ति के लिए आवश्यक है कि मंत्रो का जाप शुद्ध रूप में और पूर्ण विधि – विधान से किया जाये |
देवी – देवताओ कि आराधना में काम आने वाले मेट्रो के सामान ही तांत्रिक साधनाओ के ये सभी मन्त्र भी अद्रश्य शक्ति के प्रतीक होती होते है | वशीकरण मंत्रो Vashikaran Specialist द्वारा आप बड़ी से बड़ी बाधा को आसानी से दूर कर सकते है और अपने जीवन में खुशिया ला सकते है | पंडित जी द्धारा सिद्ध किये गए गए मंत्रो के शुद्ध रूप से उच्चारण करने से आपको मनचाहे परिणाम प्राप्त होते है |
मंत्रो का जाप करने से पहले उनके दोष और निवारण का आभास होना अत्यंत आवश्यक है | अगर आप मंत्रो का शुद्ध रूप से उच्चारण करते है तो आप निश्चित ही अति शीघ्र फल की प्राप्ति होती है | हम यहाँ कुछ मंत्रो और दोष के बारे में बतायेगे |
मंत्रो के दोष और निवारण–
अक्षर दोष – मंत्रो का जाप करते समय अगर अक्षरो का उलट फेर हो जाये तो इससे मंत्रो का पूर्ण फल प्राप्त नही हो पाता | इसलिए उचारण और अक्षर का क्रम बहुत जरूरी है |
लुप्त दोष – मन्त्र में किसी प्रकार की लुप्तता या किसी अक्षर को शोद देना भी एक दोष होता है |
छिन्न दोष – मन्त्र के सयुंक्त वर्णो में से कसी अंश के छूटने या आधा बोलने से भी मंत्र में दोष उत्पन्न होता है |
ह्रस्व दोष – मन्त्र में किसी दीर्घ शब्द के स्थान पर ह्रस्व शब्द का प्रयोग करना भी दोष पूर्ण माना जाता है |
कथन दोष – जाग्रत अवस्था में अपना मंत्र किसी से कह देने को कथन दोष कहते है |
उपरोक्त दोषो के कारण अपनी साधना को सफल नही माना जाता जिसके परिणाम स्वरुप आपको पूरा फल नही प्राप्त होता | इस प्रकार मंत्रो के उच्चारण में की गयी त्रुटिया ही साधक को भक्ति हीन रखती है | पंडित जी Vedic Astrologer आपको कुछ आसान मंत्रो के बारे में बतायेगे जिनको उन्होंने स्वयं सिद्ध किया है | किसी भी परेशानी के लिए आप पंडित जी से संपर्क कर सकते है |